Think And Grow Rich - Hindi (Part-8)

 STEP 13- THE SIXTH SENSE

     

      हम अब इस Book के आखरी पडाव पर पोहोच चुके है और यह आखरी स्टेप बहोत ही चमत्कारी हैं l ये सिक्स सेन्स हमारे सब-काँसिअस माइंड का एक हिस्सा है जो हमारी क्रिएटिव इमेजिनेशन को संभालता है। ये ही हमें दुनिया की इनफिनाइट इंटेलिजेंस से जोड़ता है।


कभी-कभी हम विचारो को अपने दिमाग में फ्लेश की तरह देखते है जिसे “hunches” कहते है। ऐसा तब होता है जब हमारी सिक्स्थ सेन्स काम कर रही होती है। लेकिन इसे हर कोई महसूस नहीं कर सकता। बहुत गहराई से ध्यान लगाने से ही हम इसे अचीव कर सकते है। जितने भी महान लोग हुए है जैसे थॉमस एडिसन, अब्राहम लिकंन और मोहम्मद वगैरह वे अपनी सिक्स सेन्स को यूज़ करके ही महान बन पाए। अपने इन्ही हुन्चेस(“hunches”) से उन्हें कुछ बड़ा काम करने की मोटिवेशन मिलती रही। ये सिक्स्थ सेन्स हमारी मेंटल और स्पिरिचुअल स्टेट दोनों को जोडती है। ये एक मीडियम की तरह काम करती है जो हमारे दिमाग को इस अनंत ब्रहामंड के साथ कनेक्ट करता है। 


हमारी सिक्स  सेन्स ना केवल हमें क्रिएटिव आईडियाज देती है बल्कि कई बार आने वाले खतरों का भी इशारा कर देती है उसे आपने आपके लाईफ मे जरूर महसुस किया होगा |


    Infinite intelligence वो पॉवर है जो दुनिया की हर चीज़ के कण यानी Atom में होती है। इसके अंदर पूरे ब्रहमांड की Energy  समाई होती है।” यही वो शक्ति है जिससे पानी हमेशा नीचे की ओर ही बहता है| रात के बाद दिन निकलता है, और सर्दी के बाद गर्मी आती है। इसी की वजह से ब्रहमांड की हर चीज़ एक दुसरे से किसी ना किसी रूप से जुडी हुई है।’



हम भी अपनी six sens की प्रेक्टिस करके खुद को इन्फ़ीनाइट इंटेलिजेंस के साथ जोड़ सकते है। जैसा कि सभी जीनियस करते है हम भी अपने सपनो को मटिरियल फॉर्म यानी हकीकत बना सकते है। क्योंकि हम इंसानों के पास ही सपने होते है, इच्छाए होती है जो हमारे दिमाग को डोमिनेट करके रखती है। हम अपनी हार या जीत खुद चुन सकते है और अपनी सोचने की पॉवर से सफलता हासिल कर सकते है।



सफलता का रास्ता हमारे सपनो से ही शुरू होता है और काई लोगो को अपने बडे आयडिया सपने मे ही आये थे। जैसे-जैसे आप इन तेरह स्टेप्स पर आगे बड़ते जायेंगे आपको विजडम मिलता जाएगा। अपनी सक्सेस के लिए बहुत ज़रूरी है कि खुद को और दुसरो को जाने। आखिर में एक सक्सेसफुल आदमी ही इस लॉज़ ऑफ़ नेचर और खुशियों के तरीके को समझ सकता है। हम फिर कहते है कि आप जब चाहे तब इन तेरह स्टेप्स पर जाकर इन्हें दोहरा सकते है ताकि माइंड स्टीमुलेशंन के हाई लेवल को आप पा सके।



अब आपके पास थरटीन स्टेपस तो रिचस है जिसके लास्ट चैप्टर में आप सीखेंगे कि डर को अपने मन से कैसे दूर किया जाए। क्योंकि जब तक आप इसे दूर नहीं करेंगे ये आपको एक लिमिट में बाँध कर रखेगा। और बिना इस डर को जीते आप अमीरी की राह पर पाँव नहीं बड़ा सकते है।


कुछ ऐसे छुपे हुए दुश्मन होते है जो हमें दौलतमंद नहीं बनने देते। और वो दुश्मन है असमंजस, शक, चिंता और नेगेटिव ख्याल। इसमें से एक भी ख्याल आपके मन में है तो बाकी खुद ही आ जाते है। जब तक आप इनसे लड़कर इन्हें दूर नहीं करेंगे ये आपको तंग करते रहेंगे।

 


कभी हाँ, कभी ना और खुद पर यकीन ना होने से हमारे अंदर एक अजीब सा डर पैदा होता है। हम यहाँ आपको ऐसे ही छेह बेसिक डरो के नाम बता रहे है हो है गरीबी का डर, आलोचना का डर, खराब सेहत का डर, प्यार खोने का डर, बुढापे का डर और मौत का डर। इनमे से हर डर हमारी काबिलियत को कम कर देता है। उसे एक लिमिट में बाँधने लगता है। मगर असलियत में ये सभी डर सिर्फ हमारे दिमाग की उपज है और कुछ नहीं। इसका सीधा मतलब है कि इस डर पर काबू पाया जा सकता है।



एक ऐसी चीज़ जिसपर पूरी तरह से हमारा कंट्रोल होता है और वो है हमारे विचार। “ जैसे ही कोई ख्याल हमारे दिमाग में आता है वो उसी वक्त फिजिकल हो सकता है” यही इसकी सबसे बड़ी पॉवर है। जो ख्याल आपके दिमाग में घूम रहे होते है वही आपकी सोशल, प्रोफेशनल और फिनेंशियेल डेस्टिनी बन जाते है।

 


जब आप लगातार बीमारी के बारे में सोचते है तो सच में बीमार पड़ने लगते है। ये मानी हुई बात है। इसीलिए तो कहते है कि हमें अपनी विल पॉवर स्ट्रोंग करनी चाहिए। कुछ लोगो बाकियों के मुकाबले ज्यादा किस्मतवाले और सुपीरियर लगते है। ऐसा उनकी थिंकिंग की वजह से होता है। वे खुद को लकी और बेहतर समझते है तो बाकी भी उन्हें ऐसे ही देखते है। जैसा हम सोचते है वही हम बनते है। जब कोई आपकी आलोचना करे तो उसे दिल पे ना ले। अपनी विल पॉवर को क्रिटिक्स से कमज़ोर ना होने दे। उन रिश्तेदारों की बिल्कुल भी ना सुने जो आपसे कहते है कि “आप ये नहीं कर सकते”। क्रिटिक्स की बातो पर ध्यान देने से आपकी इमेजिनेशन तो बर्बाद होगी ही, ये आपके कांफिडेंस को भी कम कर देगा और इंडीविजुएल तौर पर आपकी काबिलियत उभर नहीं पाएगी। 


इसलिए अपने कान बंद कर लीजिये ताकि आप उनकी बाते सुन ही ना सके।

“अपने दिमाग के सब दरवाजे उन लोगो के लिए बंद कर लो जो आपको हर तरह से डीप्रेश या डिसकरेज करते है”

 


खुद को हर चिंता से दूर रखे। ये कभी ना सोचे कि लोग क्या सोचेंगे। बुढापे और मौत की हकीकत स्वीकार करे क्योंकि ये एक दिन सबको आएगी। अगर आप प्यार को खोने से डरते है तो खुद से प्यार करना सीख ले। “जिंदगी में ऐसा कुछ भी नहीं जिसकी वजह से आपको चिंता करनी पड़े””

 


अपने लिए मन की शान्ति और खुशियाँ चुने।  


 

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